जानिए नमक के फायदे ,नुकसान और कितना खाएं?

खाना चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, बिना नमक के वह बेस्वाद और अरुचिकर ही लगता है। कभी-कभी सब कुछ ठीक-ठाक होने के बावजूद यदि नमक ज्यादा हो गया है, तो वह खाया नहीं जाता, इसलिए नमक के कम व उचित प्रयोग से भोजन न केवल स्वादिष्ट लगता है, बल्कि कई बीमारियों को भी दूर रखता है। जिन लोगो को उच्च रक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर , खारिश-खुजली , रक्त की खराबी , सफ़ेद दाग या सूजन की तकलीफें होती हैं, उन्हें डॉक्टर परहेज के तौर पर नमक छोड़ने का निर्देश देते हैं। वैसे शरीर के लिए जितने नमक की आवश्यकता होती है, उसकी पूर्ति तो दाल, फल और सब्जियों के सेवन से ही हो जाती है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अल्जीरिया के मूल निवासी और कोलम्बिया के तटवर्ती मैदानों में बसने वाले लोग नमक का प्रयोग बिलकुल नहीं करते। फिर भी वहां के लोगों का शारीरिक बल और स्वास्थ्य किसी से कम नहीं होता।

नमक के नुकसान :

Salt नमक के नुकसान और फायदे
नमक के नुकसान और फायदे
  • ज्यादा नमक खाने से क्या होता है – आयुर्वेद में कहा गया है कि नमक पित्त को खराब करने वाला, भारी, गर्म, अधिक प्यास उत्पन्न करने वाला, हाई बीपी की समस्या होने से गुस्सा, उत्तेजना पैदा करने वाला होता है |
  • अमेरिकी कैंसर अनुसंधान शाला के सदस्य डॉ. फ्रेडरिक एल. हाफमैन ने अपनी पुस्तक ‘कैंसर और आहार’ में लिखा है, ‘नमक खाने से शरीर में विद्यमान पोटैशियम नष्ट होते हैं और इसके अभाव में एवं नमक का निष्कासन न होने से कैंसर की उत्पत्ति होती है।
  • नमक के अधिक होने से शरीर में एसिड की मात्रा को बढ़ाती है, क्योंकि क्लोराइड के कारण हाइड्रोक्लोरिक एसिड का निर्माण होता है। इस अम्ल की अधिकता से पेट में अल्सर हो सकता है।
  • अधिक नमक खाने वालों को पसीना अधिक आता है और प्यास भी अधिक लगती है।
  • रक्त में नमक की अधिकता से रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिससे रक्त संचार में बाधा पड़ती है। नमक की उपस्थिति से खराब द्रव्य शरीर के बाहर कठिनाई से निकल पाते हैं |
  • आजकल उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, लिवर व गुर्दे के विकार, त्वचा रोगों के तेजी से बढ़ने का कारण मुख्य रूप से नमक के अति सेवन की आदत ही है। Read More – हृदय रोग -कारण लक्षण और बचाव |
  • ज्यादा नमक के सेवन से मोटापा बढ़ सकता है | मोटापा कम करने के उपाय |
  • शरीर में नमक के ज्यादा होने से टखने में सूजन, हड्डियां पतली होने की बीमारी होने की संभावना हो जाती है जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • अधिक नमक के सेवन से हृदय की धड़कन, खुजली, रक्त में लौह तत्व की कमी, पथरी की तकलीफ, मुंहासे, गंजापन , नींद का कम आना, फोड़े-फुंसियां, झाइंयां, हड़ियां कमजोर होना, मांसपेशियों का लचीलापन कम होना, उन्हें संकुचित करना, पाचन-शक्ति का कमजोर होना, अनिद्रा की तकलीफ, अम्लता (एसिडिटी) की तकलीफ़, अंगों में जल का जमाव बढ़ना जिससे सूजन, दर्द और मोटापा बढ़ाने जैसी तकलीफें पैदा करता है।
  • शरीर में ज्यादा नमक की मात्रा से निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
  • रक्त में ज्यादा नमक होने पर किडनी को खून फिल्टर करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। जिसकी वजह से किडनी से जुड़ी बीमारियां हो सकती है |

सीमित नमक के खाने से लाभ :

  • अब यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि यदि नमक इतना ही हानिकारक तो फिर अभी तक शरीर पर उसका दुष्प्रभाव क्यों नहीं पड़ा? मानव जाति सैकड़ों वर्षों से नमक का प्रयोग करती आ रही है, इसीलिए उसका शरीर धीरे-धीरे नमक का आदी हो गया हैं, फिर शरीर नमक की उपस्थिति सहन न कर इसे पसीने, मूत्र आदि के रूप में इसे बाहर कर देती है। पसीने के साथ सबसे ज्यादा नमक निकलता है।
  • शरीर में नमक के कम होने से थकान, मानसिक उलझन, चक्कर आना, मांसपेशियों की जकड़न व भूख की कमी होती है।
  • नमक हमारे भोजन का एक आवश्यक तत्व भी है, जो शारीरिक क्रियाओं को नियमित रखने, ऊर्जा का उचित उपयोग होने तथा धातुओं के निर्माण में विशेष भूमिका निभाता है। दिमाग में उपस्थित न्युरोंस नमक के रसायन द्वारा ही क्रिया कर पाते है | शरीर में नमक लगभग 250 ग्राम की मात्रा में होता है।
  • नमक के पानी से नहाने से त्वचा से जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं और मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन और दर्द गठिया से राहत मिलती है | Read This – चमकती त्वचा के लिए लीजिये ये सेहतमंद आहार |
  • त्वचा के लिए नमक बहुत लाभदायक होता है यह बैक्टीरिया फंगस को दूर भी रखता है |
  • नमक का सेवन रक्त में शुगर के लेवल को कम करता है और डायबिटीज के रोगियों को इंसुलिन लेने की जरूरत कम पड़ती है।
  • आयोडीन युक्त नमक क्या होता है ? – 1924 में आयोडीन युक्त नमक आयोडीन वाले नमक में सोडियम व क्लोरीन के अलावा थोड़ी मात्रा में आयोडीन भी होता है। गर्दन के अंदर मौजूद थायरॉइड ग्लैंड के ठीक से काम करने के लिए आयोडीन जरूरी होता है। इस आयोडीन की कमी से थायरॉइड ग्रंथि फूल जाती है और गॉइटर (घेंगा) रोग हो जाता है। नमक में मौजूद आयोडीन हमें इस बीमारी से बचाता है।

नमक के सेवन की सही मात्रा क्या है  :

वैसे तो चुटकी भर नमक ही आपकी सेहत के लिए काफी है क्योंकि नमक कच्चे फल और सब्जी में पहले से ही काफी मात्रा में मौजूद होता है फिर भी सेहतमंद रहने के लिए दो ग्राम ही काफी है क्योंकि एक व्यक्ति को दिन भर में कम से कम 1,500 से 2,300 मिली ग्राम सोडियम की आवश्यकता होती है। नीचे दी गई मात्रा अधिक से अधिक के पैमाने पर है इसलिए इससे कम ही नमक खाना चाहिए |

  • 0-12 महीने की उम्र में : एक ग्राम से कम
  • 1 से 3 साल की उम्र में: 2 ग्राम (0.8 ग्राम सोडियम)
  • 4 से 6 साल की उम्र में: 3 ग्राम (1.2 ग्राम सोडियम)
  • 7 से 10 साल की उम्र में: 5 ग्राम (2 ग्राम सोडियम)
  • 11 साल और उससे ऊपर की उम्र में : 6 ग्राम (2.4 ग्राम सोडियम) (लगभग आधा चम्मच )

अगर डायरिया, ज्यादा उल्टी या किसी अन्य वजह से शरीर में जब सोडियम की कमी हो जाए तो नमक की मात्रा को कुछ समय के लिए बढ़ाया भी जा सकता है |

नमक की मात्रा कम कैसे करें :

  • नमक के प्रयोग को एकाएक बिलकुल बंद कर देना आसान नहीं, फिर भी धीरे-धीरे भोजन में इसकी मात्रा कम करते जाना संभव है। जहां तक हो सके, बिना नमक की रोटी खाएं, क्योंकि नमक युक्त रोटी दांतों में चिपक कर उनकी जड़ों को कमजोर करती है।
  • सबसे जरूरी यह है कि किसी भी चीज में ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए। चाहे वो फल हो या सब्जी हो या दही हो |
  • नमक के विकल्प : नमक के विकल्प के रूप में नीबू का प्रयोग सलाद, सब्जियों, फलों पर छिड़क कर, तुलसी के पत्ते का सलाद, सूखे पुदीने को दही या रायते में मिलाकर अजवायन , काली मिर्च और अदरक को सभी खाने की वस्तुओं पर स्वादानुसार छिड़क कर उपयोग में ले सकते हैं और आप अधिक नमक के सेवन से बच सकते हैं। यह भी पढ़े – जानिए चाय पीने के फायदे और नुकसान
  • लो सोडियम नमक सेहत के लिहाज से साधारण नमक की तुलना में बेहतर है |
  • साल्टेट मीट, सोया सॉस, चटनी, पापड़, अचार, प्रोसेस्ड चीज, कैचअप, चिप्स, जंक फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड , साल्टेड पीनट, पॉपकार्न आदि में अधिक मात्रा में ज्यादा नमक होता है इसलिए इनका इस्‍तेमाल कम से कम करें |  यह भी पढ़े- पानी पीने के भी हैं कुछ खास नियम और सही तरीके |
  • सेंधा नमक, काला नमक और चाट मसाला आदि में भी सोडियम यानि नमक होता है तो इनका कम प्रयोग करें |

सवाल : क्या भोजन में नमक की मात्रा घटाने पर नया स्वाद जुबान को जिंदगी भर नहीं भाता?

जवाब : बिल्कुल नहीं! अगर यह परहेज लगातार बनाए रखें तो आठ-नौ हफ्तों में जिह्वा कम नमक के स्वाद की आदी हो जाती है और भोजन दुबारा स्वादिष्ट लगने लगता है। बस, चंद दिनों तक सब्र बनाए रखने की जरूरत है।

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