बाजरा (Pearl Millet) खाने के बेहतरीन फायदे

“बाजरा” – जब तक इंसान ने खेती करना नहीं सीखा था वो ज़्यादातर मांस ही खाता था. फिर खेती करने के साथ उसके खाने में तरह तरह के अनाज शामिल होते गए जो मौसम के अनुसार खेती से प्राप्त होते थे जैसे गेहूं , चावल , ग्वार , मकई ,जौ चना , बाजरा इससे उनकी खुराक में सभी तरह के पोष्टिक तत्व शामिल हो जाते थे और वो स्वस्थ रहते थे |

फिर समय बीतता गया और वातावरण, उपलब्धता ,तकनीकी विकास और तथा अन्य कारणों से प्राय एक या दो अनाज ही भोजन में बचे रह गए और अन्य अनाज धीरे धीरे खाद्य श्रृंखला से बाहर होते गए ,जो आज भी बदस्तूर जारी है | पर सिर्फ गेहूं चावल या अन्य किसी एक अनाज के सेवन से शरीर को सभी खनिज और अन्य जरुरी पौष्टिक तत्व नही मिल पाते है ,जो बीमारियों और शारीरिक कमजोरी का एक बड़ा कारण है |

  • Bajra In Hindi – बाजरा / बाजरी
  • Bajra in English (Pearl Millet)
  • Scientific name (Botany Name):  Pennisetum Glaucum  
बाजरा और इसके फायदे benefits-of-bajra-_pearl-millet
बाजरा और इसके फायदे

बाजरा के गुण और लाभ

  • बाजरा शरीर में गर्मी और सूखापन पैदा करता है। सर्दी के मौसम में हमें गर्म तासीर की चीजें खानी चाहिये बाजरा गर्मी देता है।
  • बाजरे में पेट सम्बंधी रोग , कफ , बलगम को ठीक करने वाले गुण होते है।
  • सर्दियों में बाजरे की  खिचड़ी गर्म दूध के साथ लेने से शरीर पर सर्दी का प्रभाव नहीं पड़ता। तथा ठंड से होने वाली अन्य बिमारियों से भी बचाव होता है
  • बाजरा अपने रासायनिक संरचना के कारण माइग्रेन के लिये भी लाभदायक है, बाजरा एंग्जायटी, डिप्रेशन और नींद न आने की बीमारियों में फायदेमन्द होता है।
  • वैसे तो देसी बाजरे की उपज कुछ कम होती है पर कोशिश करे की हमेशा देसी बाजरा ( तीन माही वाला) ही इस्तमाल करें |
  • सौंदर्य के लिए बाजरे के गुण – बाजरे की लाली (खिचड़ी कूटते समय जो लाली निकलती है), से उबटन किया जाए तो चेहरे का रंग निखर जाता है।
  • बाजरे के आटे में हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर एक अच्छा उबटन बनता है जिससे त्वचा में निखार आता है |
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विभिन्न बीमारियों को ठीक करने लिए बाजरे का उपयोग / Health Benefits Of Bajra (Pearl Millet)

  • दस्त (Diarrhea)– बाजरे में सूखापन उत्पन्न करने का गुण है मल का पतलापन दूर होता है। पतले दस्तो (Watery Diarrhea) में बाजरे की खिचड़ी, दही या छाछ से खाने से ठीक हो जाते हैं।
  • बाजरा फाइबर (fiber) का बड़ा स्रोत होता है इससे पाचन क्रिया और लीवर ठीक रहता है |पेट के अल्सर से पीड़ित लोगो के लिए भी बाजरा लाभकारी है |
  • Bajra Benefits For Diabetics – मधुमेह के रोगियों के लिए बाजरे का सेवन लाभकारी होता है | मधुमेह में बाजरा रक्त में शुगर की मात्रा को नियन्त्रित करने में सहायक होता है। बाजरे में मौजूद हाई फाइबर पाचन क्रिया को धीमा करता है जिससे खून में ग्लूकोस पहुचने की गति और मात्रा धीमी हो जाती है |
  • कुछ Vitamins की कमी से त्वचा- विकृति, पलकों में खुरदरापन तथा होंठ-जीभ-नाक का सूजन हो जाता है | जो बाजरा खाने से ठीक हो जाता है |
  • दर्द में राहत के लिए बाजरा – बाजरे के दानो को गर्म करके किसी कपडे में लपेटकर सिर या शरीर के अन्य हिस्से जहा भी दर्द हो वंहा सेकने से दर्द ठीक हो जाता है |
  • बाजरे के लगातार सेवन से महिलाओ का (मासिक धर्म) Menstrual Cycle ठीक रहता है और समय पर आता है |
  • बाजरा Gluten Free होता है इसलिए Celiac Disease (पाचन क्रिया संबधी रोग ) के मरीजो जो Gluten को पचा नहीं सकते हो उनके लिए एक वरदान होता है |
  • छिलका उतारने पर अनाजों का थायमिन और फाइबर नष्ट हो जाता है। अत: बाजरा खिचड़ी के रूप में खाने से ज्यादा फायदा होता है |

बाजरे की रोटी के फायदे /Benefits of Bajra

  • बाजरे की चपाती खाने से हड्डियों का दर्द, जोड़ों का दर्द, स्नायु दौर्बल्य में आराम मिलता है। शरीर मजबूत होकर त्वचा में खिंचाव आता है।
  • गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम की गोलियां की जगह बाजरे की दो रोटी खाने से कैल्शियम की कमी पूरी हो जाती है |
  • बाजरे के आटे में तिल मिलाकर बाजरा की रोटी बनायें तो यह अधिक गर्मी देती है। गुड़ और बाजरे की रोटी का एक प्रचलित मेल है।
  • सर्दी के मौसम में बाजरे की रोटी शुद्ध घी या तिल का तेल लगाकर गुड़ के साथ खानी चाहिये।
  • मोटापे को कम करने के लिए बाजरे की रोटी के फायदे /Bajra Roti For Weight Loss – बाजरे में फाइबर की मात्रा उच्च होने से बाजरा अन्य अनाजो के मुकाबले पेट से आंतों में स्थानांतरित होने के चक्र में लंबा समय लेता है। जिससे लम्बे समय तक भूख महसूस नहीं होती है | इससे मोटापे से ग्रसित लोगो को बार बार खाने की इच्छा नहीं होती है |
  • बाजरा अपनी कुछ खास औषधीय गुण के कारण अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, बवासीर, मिर्गी, और तपेदिक आदि बीमारियों में लाभकारी होता है । इसके लिए बाजरे की एक रोटी को शहद के साथ सुबह नाश्ते के रूप में खाना चाहिए |

100 ग्राम बाजरे में पाये जाने वाले पौष्टिक तत्व / Nutritional Value Of Bajra (Pearl Millet)

  • लौह (Iron)– लोहा रक्त कणों की वृद्धि करता है। फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के कोशों तक पहुँचाता है। माँसपेशियों का निर्माण और पुष्टि करता है।
  • लोहे की कमी से (Anemia) रक्ताल्पता रोग हो जाता है। बाजरे में लोहा 5.00 mg मिलता है। बाजरे से रक्त में आयरन की आपूर्ति बढाता है। इसके खाने से लाल रक्तकणों (Red blood cells) की संख्या संतुलित रहती है। तथा यह रक्त में प्लेटलेट्स को भी बढ़ाता है |
  • फॉस्फोरस (Phosphorus)– सौ ग्राम बाजरे से फॉस्फोरस 35 mg मिलता है। फॉस्फोरस शरीर- कोशो निर्माण का अनिवार्य भाग है।
  • फॉस्फोरस हड्डियों तथा दाँतों को सुरक्षित रखता है। अम्लों का रूपान्तर करता है और शरीर की ऊर्जा-क्रियाओं को बल देता है।
  • प्रोटीन (Protein)– सौ ग्राम बाजरे में 6 mg प्रोटीन मिलता है। प्रोटीन शरीर का निर्माण, पोषण और संरक्षण करता है।
  • प्रोटीन की कमी से त्वचा में रूखापन और छिलके से हो जाना, बालों का रंग नारंगी भूरा- हो जाना और बच्चों की शरीर वृद्धि रुक जाना – ये सब बीमारियाँ हो सकती हैं। इनकी दूर करने के लिए बाजरा एक अच्छा विकल्प है।
  • कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) – सौ ग्राम बाजरे में 35 mg कार्बोहाइड्रेट मिलता है। कार्बोहाइड्रेट न सिर्फ वजन घटाने में कारगर है, बल्कि यह दिल से संबंधित समस्याओ को दूर करने में भी उपयोगी है।
  • कैल्शियम (Calcium)– सौ ग्राम बाजरे में 42 mg कैल्शियम मिलता है। कैल्शियम शरीर के निर्माण, स्नायुतंत्र की कार्य-शक्ति को बल देना, रक्त जमने की सहज प्रवृत्ति तथा शरीर कोशों की अपनी शक्ति को बढाता है। इसकी कमी से हड्डीयां कमजोर हो जाती है और दांतों का टूटना आदि समस्याए हो सकती है|
  • थायमिन (विटामिन ‘बी-1′) Thiamine (Vitamin B1) – यह बाजरे में 33 मि.ग्रा. मिलता है। थायमिन हृदय और स्नायुतंत्र के सामान्य कार्यों में सहायक होता है।
  • रिबोफ्लाविन (विटामिन ‘बी-2′ या ‘जी’) (Riboflavin /Vitamin B-2 ‘or’ G ‘) – सौ ग्राम बाजरे में 25 mg Vitamin B-2 होता है। Vitamin B-2 शरीर-वृद्धि करता है, बॉडी सेल्स को बल देता है, रोगों के बाद पुन: स्वास्थ्य-प्राप्ति और माँसपेशियों के पुनर्निर्माण में सहायक होता है।
  • नियासीन (Niacin Vitamin B3)– यह बाजरे में 3 मि.ग्रा. होता है। नियासीन से श्वास क्रिया सही रहती है। यह शरीर-वृद्धि के लिए आवश्यक है और शक्ति उत्पन्न करता है। बाजरे की खिचड़ी खाने से नियासीन पूरी मात्रा में मिल जाता है। यह खून में कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम करता है |
  • विटामिन ‘ए’ (Vitamin A)– बाजरे में प्राप्त 132 मि.ग्रा. Vitamin A शरीर की वृद्धि करता है, आँखों की द्रष्टि तेज करता है | Vitamin A की कमी से रतौंधी और ड्राई स्किन या त्वचा शुष्कता होती है तथा द्रव-स्राव कम हो जाता है। इसे ठीक करने के लिए बाजरे की उपयोगिता बहुत ज्यादा है।
  • बाजरे से शरीर को मिलने वाली ऊर्जा (Bajra Roti Calories) – बाजरे से 361 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। कम से कम सर्दियों में एक समय के भोजन में बाजरे का भी शामिल करना ही चाहिए।
  • इन सबके अलावा बाजरे में अमीनो अम्ल भी पर्याप्त मात्रा में मिलता है |

बाजरे से तैयार व्यंजन / Popular Bajra Food Items

  • बाजरे को किसी भी रूप में खाया जा सकता है आप चाहे तो बाजरे की खिचड़ी , चाट , बाजरा राब , बाजरे की पूरी , बाजरा – मोठ घूघरी , पकौड़े , कटलेट , बड़ा , सूप , कटोरी चाट , चीला , ढोकला , बाटी , मठरी , खम्मन ढोकला , हलवा , लड्डू , बर्फी , मीठी पूरी , गुलगुले , खीर , मीठा दलिया , मालपुआ , चूरमा , बिस्कुट , केक , बाजरे के लड्डू , शक्कर पारे आदि के रूप में खा सकते है |

बाजरा की खेती – बाजरे की विशेषता है सूखा प्रभावित क्षेत्र में भी उग जाता है , तथा या अम्लीयता और ऊँचा तापक्रम भी झेल जाता है। बाजरा कमजोर पोषण वाली मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है |

बाजरा सेवन सम्बंधी सावधानियां /Pearl Millet Side Effects, Eating Precautions

  • चूंके बाजरा गर्म तासीर का होता है इसलिए इसका गर्मियों में सेवन नहीं करना चाहिए |
  • गुर्दे और आमवाती (Rheumatic Diseases) रोगियों को बाजरे के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए क्योकि बाजरे के ज्यादा सेवन से शरीर में उच्च यूरिक एसिड जमा होने का खतरा हो सकता है |

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