कब्ज का रामबाण इलाज – 22 आयुर्वेदिक उपचार

पिछले पोस्ट में हमने कब्ज होने के प्रमुख कारण, लक्षण, कब्ज से बचने के लिए क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए, कब्ज न हो इसके लिए सही दिनचर्या क्या होनी चाहिए, भोजन कैसे करें, कुछ आसान घरेलू उपाय, और पांच योगासन बताये थे | इस पोस्ट में हम कब्ज का इलाज करने के लिए 22 आयुर्वेदिक इलाज बतायेंगे जो बहुत लाभकारी है आपको अपनी इच्छा अनुसार इनमे से कोई एक को ही प्रयोग करना है |

आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात के बढ़ने से कब्ज होती है। रात को देर तक जागने से सुबह देर से नींद खुलती है। इसके कारण समय पर शौच जाना संभव नहीं होता है। इस अनियमित दिनचर्या के कारण कब्ज की बीमारी होती है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार कब्ज की बीमारी के कारण पेट के अनेक रोग-विकार उत्पन्न होते हैं।

  • जब भोजन में अधिक गरिष्ठ, रूखा सूखा, अधिक मिर्च-मसालों और एसिड रसों से बने खाद्य-पदार्थों का सेवन करने से पाचन क्रिया विकृति होने से कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है।
  • कब्ज का कारण अधिक चिंता, आलस्य भी होता है। चाय, कॉफी का अधिक सेवन मल को शुष्क कर कब्ज का शिकार बनाता है।

आयुर्वेद में कब्ज का रामबाण इलाज / 22 Effective Ayurvedic Remedies for Constipation Treatment.

kabj ke upay कब्ज का रामबाण इलाज – आयुर्वेदिक से
कब्ज का आयुर्वेदिक इलाज
  • त्रिकुटा (सौंठ+कालीमिर्च+छोटी पीपल समान मात्रा में) और त्रिफला (हरड+बहेड़ा+आंवला समान मात्रा में) 30 ग्राम, पांचों प्रकार के नमक 50 ग्राम, अनारदाना और बड़ी हरड 10 ग्राम लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सिर्फ 6 ग्राम की मात्रा में रात के समय ठंडे पानी के साथ लेने कब्ज की बीमारी से छुटकारा मिलता है | यह भी पेट साफ करने की अच्छी दवाई है |
  • अजवायन 10 ग्राम, त्रिफला 10 ग्राम और सेंधा नमक 10 ग्राम लेकर पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। रोजाना 3 से 5 ग्राम मात्रा में इस चूर्ण को हल्के गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होती है |
  • बड़ी हरड़ को पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। 5 ग्राम चूर्ण हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से कब्ज ठीक हो जाती है। अधिक कब्ज होने पर कई दिन तक चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। यह भी पेट सफा आयुर्वेदिक चूर्ण की तरह ही लाभकारी है |
  • 5 ग्राम छोटी हरड़ और 1 ग्राम दालचीनी लेकर पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। 3 ग्राम पाउडर को हल्के गर्म पानी के साथ रात में सोने से पहले सेवन करने से कब्ज ठीक हो जाती है।
  • गुलाब के फूल 10 ग्राम, सनाय 10 ग्राम, सौंफ 10 ग्राम और मुनक्का 20 ग्राम, इन सबको रात को 250 ग्राम पानी में डालकर रखें। सुबह उठकर सबको उसी पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। 50 ग्राम शेष रह जाने पर इस काढ़े को छानकर पीने से कब्ज का पूरी तरह निवारण होता है।
  • पुरानी कब्ज का इलाज- अजवायन 10 ग्राम लेकर किसी मिट्टी के मटके में 500 मि.ली. पानी में भिगो दें और उस बर्तन को दिन के समय में किसी छाया वाले स्थान पर और रात के समय खुले स्थान पर रखें। दूसरे दिन सुबह के समय उसका छाना हुआ पानी पियें इस अजवायन के पानी का प्रयोग लगातार कुछ दिनों तक करने से पुरानी कब्ज, और कफ से भी राहत मिलती है।

नीचे लिखी दो विधियों से तैयार किए आंवले के प्रयोग से कब्ज से बचा जा सकता है |

  • 500 ग्राम हरे आंवले कददू कस करके उनका गूदा किसी कांच के बर्तन में डाल दें और गुठली निकालकर फेंक दें। इसके बाद इस गूदे पर इतनी मात्रा में शहद डालें कि वह अच्छी तरह से डूब जाए। अंत में उस कांच के बर्तन को ढक्कन बंद करके रोजाना 10 दिन तक 4-5 घंटों के लिए धूप में रख दिया करें। दस दिनों के बाद बेहतरीन मुरब्बा तैयार हो जायेगा इसे हर रोज सुबह के समय खाली पेट 2 चम्मच (10-12 ग्राम) और बच्चों को आधी मात्रा में दें | इसे लेने से कब्ज नहीं होगी अगर कब्ज है भी तो जल्द ही ठीक हो जाएगी। इसे मार्च/अप्रैल या सितंबर/अक्तूबर के महीने में लगातार 3-4 हफ्तों तक लेना चाहिए। इसको खाने के 15 मिनट के बाद गुनगुना दूध पीकर सुबह का नाश्ता पूरा करें | यदि ऊपर दी हुई विधि से मुरब्बा आप न बना सकें तो सिर्फ हरे आंवले के बारीक टुकड़े करके या कददू कस करके शहद के साथ ले सकते हैं। यह पेट के रोग और कब्ज के लिए रामबाण औषधि है। नोट : मधुमेह से पीड़ित रोगी इसका उपयोग ना करें |
  • गुठलीरहित सूखे आवलों को पीसकर और छानकर चूर्ण बना लें। इस आंवला चूर्ण के 1 भाग को पिसी हुई मिश्री या देशी खांड 2 भाग मिलाकर रख लें। इसे प्रतिदिन रात को सोने से आधा घंटा पहले 2 चम्मच की मात्रा में ताजा पानी के साथ लेने करें। इस प्रयोग को लगातार दो सप्ताह तक करने से कब्ज नहीं होता है |
  • एरंड का तेल (Castor Oil) 1 से 5 छोटे चम्मच तक एक कप गर्म पानी या दूध में मिलाकर रात को सोते समय लेने से कब्ज दूर होकर पेट साफ होता है। जवान लोगो को सामान्यतः 2 से 4 चम्मच एरंड तेल और बच्चो को 1 छोटा चम्मच एरंड तेल लेना ही काफी रहता है। एरंड तेल के लेने से आमाशय और आंतों को किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचती है। इसलिए सभी प्रकार के रोगियों में इसका बेहिचक प्रयोग किया जा सकता है। यह पेट साफ करने की दवाई की तरह होती है | गर्भावस्था में अरंडी का तेल और त्रिफला आदि का इस्तेमाल ना करें ये गर्भावस्था में सुरक्षित नहीं होते हैं।
  • गर्भावस्था में अगर कब्ज होती है तो अधिक फाइबर युक्त भोजन करें ओट्स , फल हरी सब्जियां और स्ट्राबैरी खाएं | अगर फिर भी कब्ज ठीक ना हो तो डॉक्टर से संपर्क करें |
  • कब्ज में सही खान पान जानकारी भी बहुत जरुरी है , दवा कितनी भी महंगी और असरदार क्यों न हो जब तक सही खानपान का पालन नहीं किया जाएगा सब बेकार ही सिद्ध होगा। इसके लिए यह पोस्ट जरुर पढ़ें – कब्ज होने के कारण लक्षण और बचाव की जानकारी |
  • 1-2 चम्मच ईसबगोल को ताजा पानी के साथ लेने से कब्ज में लाभकर है। इसके अलावा गुलकंद व त्रिफला चूर्ण का प्रयोग भी फायदेमंद है।
  • छोटी काली हरड 2-3 हर रोज चूसें। इस हरड को न तो भूनना है और न ही पीसना है। जैसी भी बाजार से आती है उसी रूप में लें, यह हरड खुश्की करती है। इसलिए इसको लेने के दौरान घी-दूध को अपने खाने में अवश्य शामिल करें ।
  • सनाय की पत्ती 50 ग्राम, सौंफ 100 ग्राम और मिश्री 200 ग्राम लेकर तीनों को कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर इसको रात में 6 ग्राम (1 चम्मच) गर्म पानी के साथ लेने से भी कब्ज ठीक हो जाती है |
  • पुरानी कब्ज का इलाज करने के लिए एरंड तेल में सेंकी हुई छोटी हरड का चूर्ण और ईसबगोल की भूसी को खूब बारीक (समान मात्रा में) मिलाकर इसे 1 से 2 छोटी चम्मच की मात्रा में रात को सोते समय पानी के साथ लेने से कब्ज ठीक हो जायेगा |
  • 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को शहद में मिलाकर रात में खाना खाने के बाद लें और ऊपर से गर्म दूध पीने से कब्ज दूर होगा।
  • काली हरड, गुलाब के फूल, बीजरहित मुनक्का, त्रिफला, काला चना , बादाम की गिरी और बनफ्शा (Viola odorata) प्रत्येक 25-25 ग्राम लेकर पीसकर मिलाकर इसे 6 ग्राम की मात्रा में गर्म दूध के साथ लेने करने से कब्ज रोग दूर हो जाता है।
  • मुनक्का 15-20 पीस को 250 मि.ली. दूध और समान भाग पानी डालकर उबालें। जब आधा दूध शेष रह जाए तब उतार लें। इसमें से बचा हुआ मुनक्का खाकर उपर से दूध को पी जाएं। कब्ज का लाभकर प्रयोग है। पढ़ें यह भी – पेट की गैस की रामबाण दवा |
  • 30 मि.ली. अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल) गर्म दूध में मिश्री मिलाकर लेने करने से कब्ज मिट जाती है |
  • नीम के सूखे फल यानि निबौली रात में गर्म पानी के साथ खाने से सुबह पेट साफ होकर कब्ज दूर होता है |
  • धनिया और सनाय बीस-बीस ग्राम लेकर रात के समय 125 मि.ली. पानी में डालकर भिगो दें। सुबह के समय इसे छानकर और मिश्री मिलाकर पीने से कब्ज दूर होता है। देखे यह भी – Acidity होने के कारण, लक्षण तथा घरेलू उपचार
  • चिकनी सुपारी, छोटी हरड और काला नमक सबको समान मात्रा में लेकर पीसकर इस चूर्ण को 5-6 ग्राम की मात्रा में लेकर गर्म पानी के साथ लेने करने से कब्ज मिटता है।
  • पंचसकार चूर्ण एक चम्मच रात के समय लेने से भी कब्ज का रोग दूर होता है।

प्राकृतिक चिकित्सा (Naturopathy) से कब्ज का इलाज | Naturopathy Treatment for Constipation.

  • प्राकृतिक चिकित्सा यानि (Naturopathy) पद्धति के अनुसार एक तरीका है जिसे ‘पानी चिकित्सा’ के नाम से जाना जाता हैं। इस पद्धति के अनुसार अलग-अलग तरह के रंगों का सूर्य की किरणों पानी तैयार कर रोगों का इलाज किया जाता है। अस्तु इसी पद्धति द्वारा तैयार ‘हरा पानी’ या हरा सूर्य तापित’ पानी कब्ज को दूर करने में काफी सफल हुआ है। इस हरे रंग के पानी का अर्थ यह है कि किसी हरे रंग की साफ बोतल (हरे कांच की बोतल ना होने पर साधारण सफेद कांच की बोतल पर हरे रंग का पारदर्शी कागज लपेटकर काम में ले सकते हैं) का तीन चौथाई भाग साधारण पानी से भरकर बोतल का मुंह एयर टाइट ढक्कन से अच्छी तरह से बंद करने के बाद 6 से 8 घंटे तक किसी लकड़ी की चौकी पर बोतल रखें। धूप में रखा हुआ ‘सूर्यतापित’ यानि Sun Charged Water किया हुआ पानी यद्यपि यह पानी हरे (ग्रीन) रंग का नहीं होता है पर ‘हरा पानी’ इसलिए कहलाता है कि हरी बोतल के पानी में सूर्य की किरणों के प्रभाव से हरे रंग के रोग निवारक गुण आ जाते हैं। जैसे-शरीर की गंदगी (विजातीय द्रव) बाहर निकालना और पुरानी से पुरानी कब्ज दूर करना, गुर्दे, आतों और त्वचा की कार्यप्रणाली सुधारना और इस प्रकार रक्त से दूषित पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता रस रक्तादि सप्तधातुओं का नेचुरल रूप से निर्माण करना तथा शरीर का ताप संतुलित रखना इत्यादि। ‘हरा पानी’ हर रोज तैयार करना चाहिए और अपने आप ही ठंडा हो जाने पर काम में लाना चाहिए। यह भी पढ़ें – बदहजमी : कारण और इलाज के 13 घरेलू उपाय |
  • इस हरे पानी के लेने से ‘साधारण प्रकार की कब्ज तो सिर्फ 3-4 दिन में ही ठीक हो जाती है। कब्ज दूर करने के लिए हरा पानी सुबह के समय उठते ही कुल्ला करने के बाद खाली पेट आधा से एक कप, दिन में और रात में खाना खाने से आधा घंटा पहले पी लें। इस प्रकर दिन में 3 बार कुछ दिनों तक इस पानी का सेवना करें उपर्युक्त विधि के अनुसार नारंगी यानि ऑरेंज कलर की बोतल में पानी बनाकर दिन में 2 बार -खाना खाने के बाद (15 मिनट के बाद) लेने करने से खाना अच्छी तरह आसानी से पच जाता है। हरे रंग के पानी से आखों को धोने से तथा इस पानी को आखों में डालने से अनेक प्रकार के आखों के रोग दर्द, लाल-लाल लाइने होने की बीमारी में भी लाभ होता है।

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