पतंजलि की दवा : गैस, कब्ज, बदहजमी, एसिडिटी के लिए

इस लेख में निम्नलिखित रोगों के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा की जानकारी दी गयी है | साथ ही यह भी बताया गया है की इन औषधियों का सेवन कैसे करें और क्या परहेज रखें | नीचे दी हुई बीमारियों के लिए उपलब्ध पतंजलि आयुर्वेदिक की औषधियां बताई गई है |

  • पेट की गैस, अफारा के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा
  • कब्ज के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा
  • Acidity (अम्लपित्त) के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा
  • अपच, बदहजमी के उपचार के लिए पतंजलि की दवा
  • अल्सर ग्रहणी रोग उपचार के लिए पतंजलि की दवा
  • अरुचि (Anorexia) उपचार के लिए पतंजलि की दवा
  • पर्पष्टी कल्प संग्रहणी उपचार के लिए पतंजलि की दवा
  • छर्दि रोग उपचार के लिए पतंजलि की दवा
  • अन्नद्रवश्शूल एवं परिणामशूल (Duodenal ulcer) के उपचार के लिए पतंजलि की दवा

पेट की गैस, एसिडिटी और अफारा के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा

Baba Ramdev Patanjali medicines for acidity, Gas and Flatulence.

Patanjli Ayurveda Madicine for पतंजलि की दवा : गैस, कब्ज, बदहजमी, एसिडिटी उपचार के लिए
पतंजलि की दवा

पतंजलि गैस की दवा – वायु की विगुणता से पेट में अपाचन से अन्न रस का संचय होना तथा विगुणित वायु से अवरुद्ध होकर पुरीष (मल) का न निकल पाना तथा उद्गार एवं अधोवात का न निकल पाना ही आनाह कहलाता है।

  • दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 200 ग्राम
  • दिव्य कायाकल्प क्वाथ – 100 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।

  • दिव्य उदरामृत वटी – 40 ग्राम
  • दिव्य आरोग्वर्धिनी वटी – 40 ग्राम

2–2 गोली प्रात: व सायं भोजन के बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

आधा चम्मच प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले गुनगुने जल से सेवन करें। नोट-10 मिली एलोवेरा जूस, 5 मिली आंवला जूस तथा 5 मिली गोधन अर्क में तीनों के बराबर गुनगुना जल मिलाकर प्रात:काल सेवन करने से शीघ्र लाभ होता है। इन सभी दवाओ का ऑनलाइन मूल्य जानने के लिए नीचे दिए गए लाल बटन पर क्लीक करें |

कब्ज के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा / Baba Ramdev Patanjali medicines for Constipation.

  • दिव्य अभयारिष्ट – 450

4 चम्मच औषध में 4 चम्मच गुनगुना पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।

  • दिव्य उदरकल्प या दिव्य चूर्ण – 100 ग्राम

1 चम्मच चूर्ण को रात्रि में सोने से पूर्व गुनगुने जल के साथ सेवन करें।

  • दिव्य चित्रकादि वटी – 40 ग्राम
  • दिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी – 4O ग्राम

2-2 गोली दिन में दो बार प्रात: नाश्ते एवं सायं-भोजन के बाद प्रयोग करें। नोट-मधुमेह के रोगी उदरकल्प चूर्ण का प्रयोग न करें। दिव्य चूर्ण, दिव्य हरीतकी चूर्ण या दिव्य त्रिफला चूर्ण का प्रयोग वे कर सकते हैं।

अम्लपित्त के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा / Baba Ramdev Patanjali medicines for Hyper Acidity.

  • दिव्य मुलेठी क्वाथ – 300 ग्राम

1 चम्मच औषध को 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर उसे छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।

  • दिव्य अविष्पत्तिकर चूर्ण – 100 ग्राम

आधा चम्मच प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टे पहले ताजे जल से सेवन करें।

रोग की जीर्णावस्था में

  • दिव्य अविष्पत्तिकर चूर्ण – 100 ग्राम
  • दिव्य कामदुधा रस – 20 ग्राम
  • दिव्य मुक्ताशुक्ति – 10 ग्राम

इन तीनों औषधियों को मिलाकर आधा-आधा चम्मच प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टे पहले ताजे जल से सेवन करें।

  • दिव्य हरीतकी चूर्ण – 100 ग्राम

एक चम्मच रात को सोने से पहले गुनगुने जल से लें। नोट -विबन्ध होने पर दिव्य चूर्ण या उदरकल्प चूर्ण को  1 चम्मच की मात्रा में गुनगुने जल के साथ सेवन करें। घरेलू नुस्खे जानने के लिए पढ़ें यह लेख- Acidity होने के कारण, लक्षण तथा घरेलू उपचार

अजीर्ण और अपच, बदहजमी के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा | Baba Ramdev Patanjali medicines for Indigestion & Dyspepsia.

खाए हुए भोजन का पूर्णतया ना पचना अजीर्ण कहलाता है। इसका कारण जठराग्नि की मंदता है। इसकी चिकित्सा अरुचि और अग्निमांद्य की भांति है।

  • तक्र में भुना जीरा एवं काला नमक मिलाकर सेवन करने से सभी प्रकार का उदररोग ठीक होता है।

अल्सर ग्रहणी रोग के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा :

जठराग्नि के मंद होने पर वातादि दोषों के प्रकोप होने से विकृत हुई ग्रहणी अन्न का पाचन ठीक से नहीं कर पाती है। फलत: आहार को बिना पचे रूप में ही शरीर से बाहर निकाल देती है।

  • दिव्य बिल्वादि चूर्ण – 100 ग्राम
  • दिव्य गंगाधर चूर्ण 5O ग्राम
  • दिव्य शंखभस्म – 10 ग्राम
  • दिव्य कपर्दक भस्म – 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 1-1 चम्मच प्रात: नाश्ते से पहले, दोपहर-भोजन से पहले एवं रात्रि-भोजन से पहले जल के साथ सेवन करें।

  • दिव्य कुटजारिष्ट – 450 मिली

4 चम्मच औषध में 4 चम्मच गुनगुना पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें। नोट-तक्र में अजवायन तथा सैंधव लवण मिलाकर सेवन करने से विशेष लाभ होता है। गुनगुने पानी का सेवन करें।

अरुचि तथा अग्निमोद्य के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा | Baba Ramdev Patanjali medicines for Anorexia.

  • दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 3OO ग्राम
  • दिव्य मुलेठी क्वाथ 100 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5–7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात: सायं खाली पेट पिएं।

  • दिव्य चित्रकादि वटी – 40 ग्राम
  • दिव्य उदरामृत वटी – 40 ग्राम

2–2 गोली दिन में तीन बार प्रात: नाश्ते व दोपहर-भोजन एवं सायं-भोजन के बाद प्रयोग करें।

  • दिव्य हिंग्वाष्टक चूर्ण – 100 ग्राम

आधा चम्मच प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टे पहले गुनगुने जल या भोजन के प्रथम ग्रास के साथ प्रयोग करें।

  • दिव्य पुनर्नवारिष्ट – 450 मिली
  • दिव्य कुमार्यासव – 450 मिली

4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।

पर्पष्टी कल्प संग्रहणी के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा :

  • दिव्य पंचामृत पर्पटी – 10 ग्राम
  • भुना हुआ जीरा चूर्ण – 30 ग्राम
  • दिव्य मुक्ता शुक्ति – 5 ग्राम
  • दिव्य मुक्ता पिष्टी – 5 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें।

सेवन विधि

  • प्रथम दिन- 1 पुड़िया प्रात: एवं सायं
  • दूसरे दिन 2 पुड़िया
  • तीसरे दिन 3 पुड़िया
  • इस तरह प्रतिदिन 1-1 पुड़िया बढ़ाते जाएं।
  • पांचवें दिन पाँच पुड़िया का सेवन करने के बाद
  • छठवें दिन से 1-1 पुड़िया घटाते हुए फिर से 1 पुडिया पर वापस आ जाएं।

छर्दि रोग की चिकित्सा के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा :

मुंह से कफ एवं पित्त मिश्रित अन्न का (उल्टी के रूप में) बाहर निकलना छर्दि कहलाता |

  • दिव्य अविष्पत्तिकर चूर्ण – 100 ग्राम
  • दिव्य मुक्ताशुक्ति – 10 ग्राम
  • दिव्य कहरवापिष्टी – 5 ग्राम
  • दिव्य प्रवाल पंचामृत – 5 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर आधा-आधा चम्मच भोजन से पहले जल के साथ सेवन करें।

दिव्य चित्रकादि वटी –  40 ग्राम इसकी 2-2 गोली दिन में 3-4 बार चूसें।

  • धनिया – 50 ग्राम
  • ग्राम मिश्री – 50 ग्राम

दोनों को मिलाकर 1 चम्मच प्रात: व सायं जल के साथ सेवन करें। नोट- 2 बड़ी इलायची को 1 गिलास पानी में पकाएं जब आधा गिलास शेष रह जाय तो उसे छानकर और थोड़ा सैंधव लवण मिलाकर 3 से 4 चम्मच प्रत्येक 2 घण्टे के अन्तराल पर पिलाएं तुरन्त लाभ होता है।

अन्नद्रवश्शूल एवं परिणामशूल के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा / Baba Ramdev Patanjali medicines for Duodenal ulcer.

  • दिव्य मुलेठी क्वाथ – 200 ग्राम
  • सौफ – 100 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।

  • दिव्य अविष्पत्तिकर चूर्ण – 100 ग्राम
  • धनिया चूर्ण – 50 ग्राम
  • दिव्य शंख भस्म – 10 ग्राम
  • दिव्य कामदुधा रस – 10 ग्राम
  • दिव्य मुक्ता शुक्ति- 10 ग्राम
  • गुग्म दिव्य मुक्ता पिष्टी- 4 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार शीतल जल से भोजन के बाद सेवन करें।

नोट-कब्ज की स्थिति रहने पर उदरकल्प चूर्ण या हरीतकी चूर्ण या त्रिफला चूर्ण में ईसबगोल की भूसी मिलाकर रात्रि में सोने से पहले 1 चम्मच की मात्रा में गुनगुने जल से सेवन करें |

 

Reference – इस पोस्ट में पतंजलि आयुर्वेद दवाओ की सारी जानकारी बाबा रामदेव जी के दिव्य आश्रम प्रकाशन की पुस्तक (आचार्य बाल कृष्ण द्वारा लिखित “औषधि दर्शन”, मई २०१६ के २५ वें संस्करण से ली गई है)

Disclaimer – यह जानकारी केवल आपके ज्ञान वर्धन और जागरूकता के लिए है | बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए | Never Take Medicines without Consulting the Doctor.

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